भारत न्यूज 1 नाशिक
महाराष्ट्र के नाशिक शहर में जनजाति सुरक्षा मंच के बैनर तले महारैली का आयोजन हुआ….जिसमे नाशिक से लेकर पश्चिम महाराष्ट्र क्षेत्र से हजारों की संख्या में आदिवासी जनजाति समाज की लोगों ने भाग लिया और अपनी डी लिस्टिंग मांगों को लेकर विशाल जनसभा का आयोजन किया.जन सभा के पहले नाशिक के सड़कों पर महारैली निकाली गई, जिसमें हजारों की संख्या में महिलाएं बच्चे, युवा और बुजुर्ग अपनी सांस्कृतिक पहचान से नाशिक निवासियों को रूबरू कराया, रैली गोल्फ मैदान से निकल नाशिक की सड़कों पर लगभग पांच किलोमीटर की दूरी तय कर नाशिक की ऐतिहासिक गोल्फ मैदान पहुंची.जहां ये महारैली विशाल जनसभा में परिवर्तित हो गई. जनजाति समाज की मांगे है कि जो लोग इसाई धर्म अपना कर जनजाति समाज का आरक्षण ले रहे है वो खत्म हो.
जिन्होंने बदला धर्म, उन्हें आरक्षण न मिले,ST के आरक्षण पर मजहबी डाका स्वीकार नहीं,धर्मांतरितों को आरक्षण सूची से बाहर किया जाए ,धर्म छोड़ने वालों को नहीं दिया जाए ST आरक्षण,धर्मांतरित हो चुके लोगों को ST आरक्षण न मिले, जनजातीय समाज का धर्मांतरण रोका जाए, वनवासियों का धर्मांतरण रोकने को कड़ा कानून बने.
आपको बता दे की 1970 से युक्त हेतु डी- लिस्टिंग बिल, संसद में लंबित है, वो अब पारित किया जाए, 5 % धर्मांतरित लोग मूल जनजाति की 70% नौकरियां, छात्रवृत्ति और विकास फंड हड़प रहे है, अर्थात 95% को मात्र 30% लाभ ही मिल रहा है, यह अन्यायपूर्ण है..जिसपर केंद्र सरकार जल्द से जल्द ठोस कदम उठाए और जनजातियों के साथ न्याय करे.
वहीं इस जनसभा में पूर्व जिला न्यायाधीश एड प्रकाश उईके, पूर्व प्रशासनिक अधिकारी वर्तमान वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामचंद्र खराड़ी, जनजाति सांसद और भारत सरकार की मंत्री डॉ भारती ताई पवार व सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती ठमाताई पवार संत रमनगिरी महाराज, अंतरराष्ट्रीय धावक कविता राऊत ने मांग की.सभा का प्रारंभ जनजाति परंपरा लोक कला नृत्य एवम् दीप प्रज्वलन से हुवा.केंद्र सरकार जनजाति की मांग को स्वीकार करते हुए जल्द से जल्द कानून पारित करे. जनजाति सुरक्षा मंच द्वारा आने वाले दिनों में और दस राज्यो में रैली का आयोजन होने जा रहा है